Saturday 9 June 2018

राजीव गांधी की तरह प्रधानमंत्री मोदी को मारने की साजिश, नक्सलियों की चिट्ठी से खुलासा


जहां देश के प्रधानमंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री, साथ ही पुलिस असुरक्षित है, वहां जनता की रक्षा कैसे होगी ? इससे माओवाद, नक्षलवाद, आतंकवाद ने कितना भीषण रूप धारण किया है, यह ध्यान में आता है ? यह स्थिती बदलने हेतु  हिन्दू राष्ट्र की स्थापना अनिवार्य है ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति

मुंबई : भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में कुछ दिनों पहले हुई पांच गिरफ्तारियों के बाद भी कई खुलासे हो रहे हैं। पहले खुलासा हुआ कि नक्सली देश में एक और राजीव गांधी हत्याकांड की साजिश रच रहे हैं। अब एक ऐसी चिट्ठी सामने आई है जिसमें खुलासा हुआ है कि, ये साजिश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ही रची जा रही है।
१८ अप्रैल को रोणा जैकब द्वारा कॉमरेड प्रकाश को लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि हिंदू फासिस्म को हराना अब काफी जरूरी हो गया है। मोदी की अगुवाई में हिंदू फासिस्ट काफी तेजी से आगे बढ रहे हैं, ऐसे में उन्हें रोकना जरूरी हो गया है।
चिट्ठी में लिखा गया है कि, मोदी की अगुवाई में भाजपा बिहार और बंगाल को छोड करीब १५ से ज्यादा राज्यों में सत्ता में आ चुकी है। यदि इसी तरह ये गती आगे बढती रही तो माओवादी पार्टी को खतरा हो सकता है। इसलिए वह सोच रहे हैं कि एक और राजीव गांधी हत्याकांड की तरह घटना की जाए।
कहा गया है कि, यदि ऐसा होता है तो ये एक तरह से सुसाइड अटैक लगेगा, हमें लगता है कि हमारे पास ये अवसर है। मोदी के रोड शो को निशाना करना एक अच्छी योजना हो सकती है।
इस मामले पर सीपीआई(एम्) नेता सीताराम येचुरी का कहना है कि, यदि इस प्रकार की कोई बात सामने आई है तो इसकी जांच होनी चाहिए।

गिरिराज सिंह बोले – ये देश को चौंकाने वाला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर माओवादियों के द्वारा फिदायीन हमले कर हत्या करने की साजिश का खुलासे पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि यह खुलासा देश को चौंकाने वाला है।
प्रधानमंत्री मोदी को लेकर हुए इस खुलासे पर आगे बोलते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रचा जाना देश का दुर्भाग्य है। गिरिराज सिंह ने इस बात की भी आशंका जताई कि अगर इस खुलासे के बाद देश सतर्क नहीं हुआ और ऐसे खुलासे को हल्के में लिया गया तो आने वाले दिनों में कोई भी बड़ी घटना हो सकती है।
आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की १९९१ में हत्या कर दी गई थी। तमिलनाडु में एक सुसाइड बॉम्बर के जरिए राजीव गांधी को मार दिया गया था।
५ लोगों की गिरफ्तारी के बाद पुणे पुलिस का कहना था कि उसे ऐसे सबूत मिले हैं, जिसमें नक्सलियों द्वारा ‘राजीव गांधी हत्याकांड’ की तर्ज पर एक और कांड किए जाने की साजिश रचे जाने का पता चला है।
स्त्रोत :  आज तक

भीमा कोरेगांव हिंसा पर बोले हंसराज अहीर, ‘सरकार को बदनाम करने की साजिश- शहरी नक्सलवाद ने भडकाई हिंसा‘



केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने भीमा कोरेगांव हिंसा को लेकर एक बयान दिया है ! हंसराज अहीर ने भीमा कोरेगांव की हिंसा को केन्द्र सरकार और राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश करार दिया है !
उन्होंने कहा कि हम सभी को यह पहले से ही पता था कि भीमा कोरेगांव की हिंसा एक साजिश का हिस्सा है, जिसका उद्देश भाजपा सरकार को बदनाम करना है ।
उन्होंने कहा कि अब पुलिस जांच में यह साफ हो गया है कि यह हिंसा उन लोगोंद्वारा भड़काई गई थी जो शहरी नक्सलवाद के लिए काम करते हैं । उनका काम शहरों में नक्सलबाद फैलाना है !
आपको बता दे कि देहली पुलिस ने आज भीमा कोरेगांव हिंसा को लेकर ३ लोगों को गिरफ्तार किया है । इनमें से एक आरोपी का नाम रोना जैकब विल्सन है और वह पेशे से लेखक और मानवाधिकार कार्यकर्ता है !
देहली पुलिस ने जैकब विल्सन को उसके फ्लैट से गिरफ्तार किया है । पुलिस ने मुंबई और नागपुर से भी १-१ व्यक्ति को गिरफ्तार किया है । पुलिस का आरोप है कि इन सभी के तार नक्सलियों से जुडे है !
भीमा कोरेगांव हिंसा से एक दिन पहले एलगार परिषद नाम पर एक प्रोग्राम को आयोजित किया गया था । जिसके एक दिन बाद ही भीमा कोरेगांव में हिंसा हो गई थी !
पुलिस का आरोप है कि इस परिषद में नेताओंद्वारा भडकाऊ भाषण दिये गये थे । भडकाऊ भाषण के मामले में दलित नेता जिग्नेश मेवानी और जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद पर केस भी दर्ज किया गया था !
स्त्रोत : हरिभूमि

Thursday 7 June 2018

भीमा-कोरेगांव हिंसा : दंगा भडकाने के आरोप में देहली से पुणे तक ६ माआेवादी कार्यकर्ता गिरफ्तार


इस साल जनवरी में पुणे के नजदीक भीमा-कोरेगांव में दंगा भडकाने के आरोप में पुलिस ने बुधवार को चार नामचीन दलित कार्यकर्ता और एक नागपुर यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर को गिरफ्तार किया है ! इसके साथ ही, पुणे पुलिस ने देहली पुलिस के स्पेशल सेल की मदद से राणा जैकब को गिरफ्तार कर उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया है !

भीमा-कोरेगांव हिंसा केस में ६ गिरफ्तारी

पुणे के ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस रवीन्द्र कदम ने बताया कि, उन्होंने भीमा-कोरेगांव में दंगा भडकाने के आरोप में विश्राम बाग पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए केस के बाद पांच लोगों को गिरफ्तार किया है । कदम ने आगे बताया, “ताजा गिरफ्तारी नागपुर यूनिवर्सिटी के सोमा सेन की हुई है !” उन्होंने आगे कहा कि हम भीमा-कोरेगांव दंगा में उन सभी के माओवादी संबंध के पहलुओं से भी जांच कर रहे हैं !

राणा जैकब की पटियाला हाउस कोर्ट में हुई पेशी

महाराष्ट्र की भीमा-कोरेगांव हिंसा के आरोपी राणा जैकब को आज पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया । जैकब को देहली पुलिस स्पेशल सेल की की मदद से पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया । उसके ऊपर भीमा-कोरेगांव हिंसा को हवा देने का आरोप है । जैकब की गिरफ्तारी के बाद अब तक तीन लोग इस मामले में मुंबई, नागपुर और देहली से पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया है । तीनों के ऊपर विवादास्पद पर्चे बांटने और घृणास्पद भाषण देने का आरोप है !
गौरतलब है कि १ जनवरी को पुणे में दलित समुदाय भीमा-कोरेगांव की लडाई की २००वीं सालगिरह मना रहे थे । जिसमें दो गुटों में हिंसक झडप में एक दलित व्यक्ति की मृत्यु हो गई जबकि कई घायल हो गए । इसी घटना के बाद दलित संगठनों ने २ दिनों तक मुंबई समेत राज्य के अन्य इलाकों में बंद बुलाया जिसके दौरान फिर से तोड-फोड और आगजनी हुई थी !

क्यों मनाया जाता है भीमा-कोरेगांव में जश्न ?

१ जनवरी १८१८ को पुणे के पास कोरेगांव में एक लडाई हुई थी । ये लडाई ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना और पेशवाओं की फौज के बीच हुई थी । इस लडाई में अंग्रेजों की आेर से महार जाति के लोगों ने लडाई की थी और इन्हीं लोगों की वजह से अंग्रेजों की सेना ने पेशवाओं को हरा दिया था । महार जाति के लोग दलित होते हैं । ये लोग इस युद्ध को अपनी जीत और स्वाभिमान के तौर पर देखते हैं और इस जीत का जश्न हर साल मनाते हैं !