Thursday 7 June 2018

भीमा-कोरेगांव हिंसा : दंगा भडकाने के आरोप में देहली से पुणे तक ६ माआेवादी कार्यकर्ता गिरफ्तार


इस साल जनवरी में पुणे के नजदीक भीमा-कोरेगांव में दंगा भडकाने के आरोप में पुलिस ने बुधवार को चार नामचीन दलित कार्यकर्ता और एक नागपुर यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर को गिरफ्तार किया है ! इसके साथ ही, पुणे पुलिस ने देहली पुलिस के स्पेशल सेल की मदद से राणा जैकब को गिरफ्तार कर उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया है !

भीमा-कोरेगांव हिंसा केस में ६ गिरफ्तारी

पुणे के ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस रवीन्द्र कदम ने बताया कि, उन्होंने भीमा-कोरेगांव में दंगा भडकाने के आरोप में विश्राम बाग पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए केस के बाद पांच लोगों को गिरफ्तार किया है । कदम ने आगे बताया, “ताजा गिरफ्तारी नागपुर यूनिवर्सिटी के सोमा सेन की हुई है !” उन्होंने आगे कहा कि हम भीमा-कोरेगांव दंगा में उन सभी के माओवादी संबंध के पहलुओं से भी जांच कर रहे हैं !

राणा जैकब की पटियाला हाउस कोर्ट में हुई पेशी

महाराष्ट्र की भीमा-कोरेगांव हिंसा के आरोपी राणा जैकब को आज पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया । जैकब को देहली पुलिस स्पेशल सेल की की मदद से पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया । उसके ऊपर भीमा-कोरेगांव हिंसा को हवा देने का आरोप है । जैकब की गिरफ्तारी के बाद अब तक तीन लोग इस मामले में मुंबई, नागपुर और देहली से पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया है । तीनों के ऊपर विवादास्पद पर्चे बांटने और घृणास्पद भाषण देने का आरोप है !
गौरतलब है कि १ जनवरी को पुणे में दलित समुदाय भीमा-कोरेगांव की लडाई की २००वीं सालगिरह मना रहे थे । जिसमें दो गुटों में हिंसक झडप में एक दलित व्यक्ति की मृत्यु हो गई जबकि कई घायल हो गए । इसी घटना के बाद दलित संगठनों ने २ दिनों तक मुंबई समेत राज्य के अन्य इलाकों में बंद बुलाया जिसके दौरान फिर से तोड-फोड और आगजनी हुई थी !

क्यों मनाया जाता है भीमा-कोरेगांव में जश्न ?

१ जनवरी १८१८ को पुणे के पास कोरेगांव में एक लडाई हुई थी । ये लडाई ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना और पेशवाओं की फौज के बीच हुई थी । इस लडाई में अंग्रेजों की आेर से महार जाति के लोगों ने लडाई की थी और इन्हीं लोगों की वजह से अंग्रेजों की सेना ने पेशवाओं को हरा दिया था । महार जाति के लोग दलित होते हैं । ये लोग इस युद्ध को अपनी जीत और स्वाभिमान के तौर पर देखते हैं और इस जीत का जश्न हर साल मनाते हैं !

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