पूर्व मंत्री और उत्तर प्रदेश के रामपुर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान ने पिछले साल सीआरपीएफ सैनिक को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी । इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके विरुद्ध मुकदमा चलाने के लिए हरी झंडी दे दी है । पुलिस ने बताया कि आईपीसी की धारा १५३ए (अलग-अलग आधार पर दो वर्गों के बीच शत्रुता बढाना) के तहत आजम खान के विरुद्ध चार्जशीट दायर की जाएगी । इस धारा के तहत चार्जशीट के लिए पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता होती है ।
दरअसल, जून माह में भाजपा के पूर्व विधायक के शिव बहादुर सक्सेना के बेटे आकाश सक्सेना ने आजम खान के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवायी थी । प्राथमिकी में यह आरोप लगाया था कि “अपने विधानसभा क्षेत्र रामपुर में एक बैठक को संबोधित करते हुए आजम खान ने कहा था कि सैनिकों के जिस हिस्से से महिलाओं को दिक्कत थी वे उसे काटकर लेके चले गए ।” आजम खान से बयान से हमें काफी आघात पहुंचा है । सैनिकों के कारण से ही हमारे देश के लोग चैन से सोते हैं । उनके कारण से ही देश की एकता और अखंडता कायम है । ऐसे बयान से सेना का मनोबल गिरता है ।
बता दें कि, वर्ष २०१७ के अप्रैल माह में छत्तीसगढ में नक्सलियों ने घात लगाकर सीआरपीएफ सैनिकों पर हमला किया था । इस हमले में २५ सैनिक हुतात्मा हो गए थे । बताया जाता है कि, सैनिकों की मौत के बाद महिला नक्सलियों ने उनके शरीर के साथ छेडछाड की थी । उनके गुप्तांग काट दिए थे । इस घटना के बाद आजम खान ने यह विवादित बयान दिया था । उनके इस विवादित पर राजनीतिक सरगर्मी भी तेज हो गई थी । उनके उपर कडी कार्रवाई करने की मांग की गई थी ।
स्त्रोत : जनसत्ता
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